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* .पुन्हा प्रेम करणार नाही..... ..

भेट आपली शेवट्ची असुन
निरोप घेत आहे
वरुन शांत असले तरी
ह्र्दयात रडत आहे

जात आहे सोडुन मला
नाही अडवणार मी तुला…
असशील तिथे सुखात रहा
याच शुभेच्छा तुला…


निरोप तुला देताना
अश्रु माझे वाहतील….
काऴजाच्या तुकड्याना
सोबत वाहुन नेतील…


त्या वाहणारय़ा अश्रुतही
प्रतिबिंब तुझेच असेल
निट निरखुन पहा त्याला
प्राण मात्र त्यात दिसेल

वाट आपली दुभंगली आता
परत भेटणे नाही…
प्रवास जरी एक आपला
मार्ग एक होणे नाही…


आठवण तु ठॆवु नकोस
मी कधीच विसरणार नाही…
भेटणे तुझे अशक्य तरी
वाट पाहणे सोड्णार नाही…


जातेस पण जाताना
एवदे सांगुण जाशील का?
भेट्लो जर कधी आपण …
ओळख तरी देशील का?


जाता जाता थोडे तरी
मागे वळुण पाहाशील का?
प्रत्यशात नाही तरी
डॊळ्य़ानी बोलशील का?

बोलली नाही तु जरी…
नजर तुझी बोलेल का?
गोधंळलेल्या अत:करणाची…
खबर मला सांगेल का?


कुठॆतरी ह्र्दयात
इतिहास सारा आठवशील

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