RBI governor Mr Subbarao in a speech recently on inflation said: "By far the most important
statistic for the Reserve Bank is inflation which has traditionally suffered from meas urement problems. I must admit that even at a
personal level, I do not know how to interpret inflation. Twenty years ago, when
I had a thick mop of hair, I used to pay `25 for a haircut. Ten years ago, after
my hair started thinning, I was
paying `50 for a haircut. And now, when I have virtually no hair left, I am
paying `150 for a hair cut. I struggle to determine how much of that is
inflation and how much is the premium I pay the barber for the privilege of
cutting the Governor's non-existent hair."
आर्यन प्रेम राणा, निदेशक VRIGHTPATH आधुनिक विज्ञान केवल कुछ शताब्दियों पहले उत्पन्न हुआ था, जबकि ब्रह्मांड, समय और सृजन के बारे में प्राचीन भारतीय ज्ञान सदियों से साहित्य और कैलेंडरों में संचित है। यह एक दिलचस्प सवाल उठाता है: प्राचीन भारतीय ग्रंथों और कैलेंडरों में पाए गए गहरे दृष्टिकोण, विशेष रूप से श्रृष्टि सम्वत, आ धुनिक वैज्ञानिक खोजों से कैसे मेल खाते हैं या उनसे चुनौती पेश करते हैं? श्रृष्टि सम्वत, जो सृजन के ब्रह्मांडीय चक्रों पर आधारित एक दिव्य कैलेंडर है, समय पर एक अद्वितीय दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है, जो आधुनिक वैज्ञानिक सोच के रैखिक दृष्टिकोण को पार करता है और ब्रह्मांड और हमारे अस्तित्व की एक समग्र, चक्रीय समझ प्रदान करता है। उत्पत्ति और इतिहास श्रृष्टि सम्वत एक अद्वितीय और पवित्र कैलेंडर है, जो प्राचीन वेदिक उपदेशों में गहरे रूप से निहित है। "श्रृष्टि" शब्द का अर्थ है दिव्य ज्ञान या दिव्य रहस्योद्घाटन, और "सम्वत" का अर्थ है वर्षों की एक प्रणाली। दोनों मिलकर "सृजन का दिव्य कैलेंडर" बनाते हैं, जिसे माना जाता है कि यह सृजन के शाश्वत ब्रह्मांड...
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