प्याज खाने वालों, सुन लीजिए प्याज बड़ी जालिम है। एक अंगड़ाई लेती है और सरकारें गिरा देती है। एक भूतपूर्व सरकार से पूछ लो इस निगोड़ी का दर्द। वो आज भी इसी प्याज का रोना रो रही है और इसी की मार से आज भी विपक्ष में बैठी है। वर्तमान सरकार तो पहले से ही कॉमनवेल्थ और स्पेक्ट्रम जैसे आदर्श रोगों से पीडि़त थी, ऊपर से प्याज की जवानी उसके बुढ़ापे पर भारी पड़ रही है। उसने आनन-फानन में प्याज के घर से बाहर निकलने (निर्यात) पर रोक लगा दी है मगर प्याज की जवानी बाज नहीं आ रही है। उछाल पर उछाल मार रही है और विपक्ष के जख्मों पर काला मरहम लगा रही है। प्याज को जिद चढ़ गई है कि जब शीला की जवानी किसी के हाथ नहीं आ रही है तो वो किसी के हाथ क्यूं आए।
वह कह रही है- कालाबाजारियों के महलों की रानी बनी रहूंगी तुम्हारे हाथ कतई ना आऊंगी। चार दिन की जवानी है, आदमी अपने स्वाद के पीछे जवानी का लुत्फ नहीं लेने दे रहा। खुद जवान-जवान घोटाले कर रहा है तब कुछ नहीं। मेरी जवानी सबकी आंख में खटक रही है। मेरी जवानी की ज्यादा जलन है तो क्यों मुंह लगा रहे हो मुझे। पिछली सरकार हाथ जोड़ती फिर रही है मेरे आगे। ज्यादा मुझे छेड़ोगे तो मध्यावधि चुनाव करवा दूंगी। समझ लो।
जवानी शीला की हो या प्याज की, सबको प्यारी होती है। शीला की जवानी ने बाकी सब गानों को प्याज के छिल्कों की तरह मार्केट से उतार फेंका है। शीला ने सबको जवान और तरोताजा रहने का एक नया मंत्र दिया है। जिम क्लब और ब्यूटी पार्लर शीला नाम की महिलाओं से भरे पड़े है। शुक्र है मेरी पत्नी का नाम शीला नहीं है, वरना ये नया खर्चा और मेरी जान को बन आता। सात्विक भोजन करने वाले प्याज की हरकतों से बेशक बचे हुए हों लेकिन दूसरी सब्जियों, पेट्रोल और बिजली की चढ़ती जवानी से उनका सात्विक जीवन डिस्टर्ब हो रहा है। उनका मन अशांत है। उनकी आंखों में बिना प्याज कतरे ही आंसू हैं। मन में सरकार के प्रति बुरे-बुरे विचार आ रहे हैं।
वे जल्द से जल्द महंगाई बढ़ाने वाले तत्वों से छुटकारा चाहते हैं। सात्विक जीवन जी रहे एक व्यक्ति ने तो बौखलाकर यहां तक कह दिया कि देश में सरकार सिर्फ तीन वर्षों के लिए ही चुनी जानी चाहिए।
प्याज की जवानी बाकी सब्जियों के दिलों में भी आग लगा रही है। बैंगन मन ही मन भुन रहा है कि सारा मीडिया प्याज के पीछे बावला हो रहा है, उसकी जवानी कोई कवर नहीं कर रहा। अदरक का कहना है कि उसके पास प्याज जैसे गुलाबी गाल नहीं हैं इसीलिए उसे मीडिया की कवरेज नहीं मिल रही। उसकी टेढ़ी-मेढ़ी जवानी प्याज की जवानी के आगे हल्की पड़ रही है। और सब्जियां भी जवान होने के नुस्खे तलाश रही हैं।
वैसे , प्याज के लच्छों का मैं भी शौकीन हूं। जब तक दाल में प्याज के बघार की खुशबू नहीं आती , कटोरी की दाल साठ साल की बुढि़या की तरह लगती है। लेकिन मेरी पत्नी को मेरे महंगे शौक पसंद नहीं हंै। गलती से कोई महंगी चीज खरीद लाता हूं तो खुद भी पीछे नहीं रहती। अभी चार दिन पहले मैं जरा से महंगे मोजे खरीद लाया , तो अगले ही दिन वह अपना मोटापा कम करने के महंगे कैप्सूल और वजन बताने वाली मशीन खरीद लाई। प्याज महंगी होते ही वो दाल में प्याज की जगह लहसुन का तड़का लगाने लगी है।
एक दिन झल्लाकर मैंने उससे कहा - दाल के लिए एक ही प्याज खरीद लाया करो। कहने लगी - ये महंगे शौक शीला के लिए रहने दो। मैंने पूछा कौन शीला , कहने लगी वही जिसकी जवानी किसी के हाथ नहीं आ रही।
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