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Showing posts from August, 2025

गणेश चतुर्थी 2025 : ज्ञान, एकता और आध्यात्मिक परिवर्तन का पर्व

मुंबई , महाराष्ट्र : गणेश चतुर्थी 2025 का पर्व 27 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पर्व भगवान गणेश की पूजा का पर्व है , जो विघ्नहर्ता , बुद्धि के देवता और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं। इस वर्ष , यह पर्व न केवल सांस्कृतिक उल्लास का प्रतीक है , बल्कि आध्यात्मिक जागरण , विनम्रता और एकता का भी संदेश देता है। (  English  ) Lalbaug Raja 1st Darshan ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व गणेशोत्सव की शुरुआत 1893 में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने की थी , ताकि यह पर्व समाज में एकता और राष्ट्रीयता की भावना को प्रोत्साहित कर सके। आज यह पर्व महाराष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। आध्यात्मिक अनुशासन और अनुष्ठान ·        निर्जला व्रत : 26 अगस्त 2025 ·        प्रतिमा स्थापना : 27 अगस्त 2025 ( सुबह ) ·        वर्ज्य क्रियाएँ : हिंसा , मांसाहार , नकारात्मक आचरण , आदि से बचें। · ...

स्वतंत्रता के सही मायने: आधुनिक प्रेम और लिव-इन संबंधों की आंधी में टूटती मर्यादा: जीवन मूल्यों की पुनर्स्थापना का समय

आयशा राणा , सह - संस्थापक – VRIGHT PATH (Ancient Bharat Knowledge Platform for Clarity and Actions to Bridge Your Karma Gaps) आज का युवा समाज एक ऐसी दिशा में बढ़ रहा है जहाँ प्रेम - संबंध , लिव - इन रिलेशनशिप और पूर्वविवाहिक शारीरिक संबंध सामान्य बात माने जा रहे हैं। परंतु यह आधुनिक जीवनशैली केवल व्यक्तिगत नहीं , बल्कि सामाजिक , मानसिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी गंभीर हानिकारक परिणाम दे रही है। ( English  ) इन संबंधों के कारण समाज में : मानसिक तनाव , अवसाद और आत्म - चिंतन की कमी बढ़ रही है , परिवार और विवाह संस्था कमजोर हो रही है , चरित्र , संयम और आत्म - सम्मान का पतन हो रहा है , और सबसे दुखद — युवा पीढ़ी संस्कार और मर्यादा से दूर होती जा रही है। यह चिंता का विषय है , और इससे सनातन धर्म , वेद और शास्त्रों में वर्णित सामाजिक आदर्शों को भी ठेस पहुँच रही है। रामायण : मर्यादा का शाश्वत आदर्श हमारे ग्रंथ ‘ रामायण ’ में भगवान श्रीराम ने...